लेखक:
वीरेन्द्र कुमार गौड़
21 जनवरी, 1942, मेरठ, उत्तर प्रदेश। आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए. करने के बाद 1963 में सेना में कमीशन्ड ऑफिसर के रूप में कार्य आरंभ। 1965 में भारत-पाक युद्ध का अविस्मरणीय अनुभव। 1966 से सीमा-सुरक्षा में कार्यरत। 1977 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (मैमन सिंह टंगाइलसेक्टर) में युद्ध का जीवंत अनुभव। कश्मीर, बंगाल, राजस्थान, पंजाब, नगालैंड, मणीपुर, असम, त्रिपुरा और मिजोरम में आतंकवाद के नित नए तेवर देखे। पूर्वोतर भारत और सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय में ऑपरेशन, इंटैलीजेंस और प्रशासन के महानिरीक्षक के पद पर आतंकवाद से संबद्ध लंबा अनुभव। प्रकाशित कृतियां : मंजिल और रास्ते, एक और युद्धविराम, काफिला, चुनौती, पराजित अंत, अधूरा, सफर, कोहरे की दरार, शर-शैया, दिशा-भ्रम, दिशाहीन युद्ध (उपन्यास)। आतंक की चुनौती (विविध) सहित तीस पुस्तकें। पूर्वोत्तर भारत के सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक, जनजीवन पर यात्रा-कथा ‘अपरिचित परिचय’, 1994 में 'बरदोलोई राजभाषा ट्राफी' एवं रु. 5000/- के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित। हिंदी अकादमी के कृति सम्मान, राष्ट्रपति के पुलिस विशिष्ट सेवा पदक सहित पांच सम्मानों से अलंकृत। संप्रति - साहित्यिक लोक कल्याण की गतिविधियों में व्यस्त। संपर्क - 881, सेक्टर 17-बी, गुडगांव (हरियाणा)। |
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आतंक की चुनौतीवीरेन्द्र कुमार गौर
मूल्य: $ 16.95 |